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Tuesday, May 19, 2009

नाराज़ ख्वहिशै

उसने बोला मरने की दवा चाहिए...
मैंने कहा ऐसा क्या हो गया मेरे भाई?
वो बोला जीने ही हर ख्वाहिश नाराज़ है...
मैंने कहा उसके लिए दवा की ज़रूरत क्यूँ है भाई
ख्वाहिशों को मार दो मौत ख़ुद ही आजाएगी मेरे भाई...

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